Sunday, March 15, 2009

एक दिन अलग सा


सन्वैधानीक चेतावनी : यह रचना काल्पनिक है, कृपया इसे पढ़कर यह न समझें की आपकी ज़िन्दगी सुखद है|
आज मैं सुबह ६ बजे सो कर उठ गया। स्वाभाविकतः मैं ९ बजे उठता हूँ किंतु आज न जाने क्यों मेरी नींद जल्दी खुल गई। शायद यही इस मनहूस दिन की शुरुआत थी।